Chapter 13
अजुन उवाच |
क ितं पुषं ें ेम |
एतिदतुिमािम ान ेयं शव || 1||* 1
ीभगवानुवाच |
इद शरीर कौ ेिमिभधीयत |
एतो वेि तं ा: े इित तिद: || 2||
ं चािप मां िव सवेे भारत |
ेयोान यानं मत मम || 3||
तें य या(yadrik cha (nature) यिकार यत यत |
यो यभाव तमास ण || 4||
ऋिषिभबधा गीत छोिभिविवध: थक |
सपद तुमिविनितै: || 5 ||
महाभूताकारो र |
इयािण दश प यगोचरा: || 6||
(.6: The field of activities is composed of the five great elements, the ego, the
intellect, the unmanifest primordial matter, the eleven senses (five knowledge
senses, five working senses, and mind), and the five objects of the senses.)
इा :
: सातेतना ित: |
एतं समासेन सिवकारमदातम् || 7||
अमािनमदमिहसा ाराजवम |
आचायपासन शौचं थयमािविनह: || 8||
याथषु रामनहार एव |
जमुराािधद
:खदोषानदशनम || 9||
सरनिभ: दारगहािदषु |
िन समिचिमािनोपपिष || 10||
मिय चानयोग भरिभचारणी |
िविवदशसेिवमरितजनससिद || 11||
ाानिन तानाथदशनम |
तानिमित ोमान यदतोऽथा || 12||
ेयं यवािम याामतमते |
नािदमर  सास
ते || 13||
सवत: पािणपाद तवतोऽििशरोमखम |
सव: ुितमोक सवमाव ितित || 14||
सवयगणाभास सवयिवविजतम |
स सवभृैव िनगु गुणभो || 15||
बिहर तानामचर चरमेव |
ादिवेयं
रथ चाक तत || 16||
अिवभं िवभिमव थतम |
तभतृ तेयं िस भिव || 17||
ोितषामिप तोितमस: परमत |
ान ेयं ानगं िद सव िवितम || 18||
इित ें तथा ान यं चों समासत: |
 एतिाय मावायोपपत || 19||
क ितं पुषं चैव िवनादी उभाविप |
िवकारां गुणाैव िव क ितसवान || 20||
कायकारणकतृ तु: क ितते |
ष: सुखद
:खाना भो तुते || 21||
ष: क ितथो िह ङ क ितजागुणान् |
कारण णसोऽ दसोिनजस || 22||
उपानमा भता भोा महर: |
परमाेित चाुो ऽुष: पर: || 23||
एवं वेि क ितं गुण: सह |
सवथा वतमानोऽिप योऽिभजायते || 24||
ाननािन प िचदाानमाना |
अ साङ योग कमयोगेन चापर || 25||
अ ेवमजान: ाे उपासत |
तेऽिप चािततर मृुं ुितपरायणा: || 26||
यावायत िकि थावरजमम |
ेसंयोगाि भरतष || 27||
समं सवषु षु ित रमरम |
िवनिवन : पित पित || 28||
सम प सव समवथतमीरम |
िहनानाान ततो याित परा गितम || 29||
क कमािण ियमाणािन सव: |
: पित तथाानमकता पित || 30||
यदा भ
तप
थभावमेकथमन
पयत |
तत एव च वतार  सपते तदा || 31||
अनािािगुणारमाायमय: |
शरीरथोऽिप कौ करोित िल || 32||
यथा सवगतं सौादाकाश नोपिलत |
सवावथतो तथाा नोपिलते || 33||
यथा काशय: लोकिमम रिव: |
ं ी तथा ं काशयित भारत || 34||
ेेयोरवमतर ानचुषा |
तक
तमों च ये वद
याित ते परम
|| 35||
Chapter 12
अजु उवाच |
एव सततया ये भाा पयुपासते |
चारम तेषा योगिवमा: || 1||
ीभगवानवाच |
माव मनो मा िनया उपासत |
या परयोपताे मे युतमा मता: || 2||
रमिनदम पयुपासते |
सवगमिच टथमचलवम || 3||
सियेयाम सव समबय: |
ते ा
 माम सवतिहते रता: || 4||
शोऽिधकतरषामासचतसाम ||
अा िह गितद
: हवरवात || 5||
तु सवािण कमाि मिय  मर: |
अन योगेन मा ाय उपासते || 6||
तेषामह समुता ुसंसारसागरात् |
भवािम निचरााथ माविशतचतसाम् || 7||
म मन मिय  िनवशय |
िनविसिस म अत ऊ शय: || 8||
अथ िच समाधातुं शोिष मिय थरम |
अासयोग ततो मािमाुं धनय || 9||
अासऽसमथऽिस ममपरमो भव |
मदथिप कमािण वमवािस || 10||
अथतदशोऽिस कतु मोगमाित: |
सवकमफलागं तत: यतावान् || 11||
यो िह ानमसाानाान िविशत |
ानामफलागागाारनरम || 12||
अा सवभूतानां मै: कण एव |
िनममो िनरहार: समद
:खस: मी || 13||
स: सतत योगी यताा ढिनय: |
मिपतमनोबय म: िय: || 14||
याोिजत लोको लोकाोिजत : |
हषामषभयोमुो : मे िय: || 15||
अनप: िचद उदासी गतथ: |
सवापरागी यो : िय: || 16||
यो ित ि शोचित काङ ित |
भाशुभपरागी भम: िय: || 17||
सम: शौ िम तथा मानापमानय: |
शीतोसखद
:षु सम: सिवविज: || 18||
िनाुितमनी सो येन निचत |
अिनक : थरमितभमा ियो नर: || 19||
तु धामृतिमद यथो पयुपासत |
धाना मरमा भाऽतीव िया: || 20||
Chapter 14
ीभगवानवाच |
पर : वािम ानाना ानममम |
याा नय: सव परा िसिमतो ता: || 1||
इद ानमपाि मम साधमागता: |
सगऽिप नोपजाय लय थ || 2||
मम योिनमहद
 तगभ दधाहम् |
सव: सवभूतानां ततो भवित भारत || 3||
सवयोिनष कौ तय: सव या: |
तासा  महोिनरह बीजद: िपता || 4||
स रजम इित गुणा: क ितसवा: |
िनब महाबाहो िहनमयम || 5||
त स िनमलाकाशकमनामयम |
खस बाित ानस चानघ || 6||
रजो रागाक िव ाससमुवम |
तिबाित कौ कमस िहनम || 7||
तमानज िव मोहन सविहनाम् |
मादालिनािभिबाित भारत || 8||
सवं स
खे सजयत रज: कमण ारत |
ानमाव
य त
तम: माद सजयय
|| 9||
रजमािभभ स भवित भारत |
रज: स तम तम: स रजथा || 10||
सवार
हेऽिमकाश उपजायते |
ानं यदा तदा वाव
ं सवमय
|| 11||
लोभ: व
रारभ: कमणामशम: प
हा |
रजयेतान जायते वव
े भरतष || 12||
अकाशोऽव
 मादो मोह एव च |
तमयतान जायते वव
े क
नदन || 13||
यदा स व लय याित हभत् |
तदोमिवदा लोकानमलाितपत || 14||
रजिस लय गा कमसिष ायत |
तथा लीनमिस योिनष जायत || 15||
कम: सुक ता: साक िनमलं फलम |
रजस फल
:खमान तमस: फलम || 16||
सवासजायते ानं रजसो लोभ एव|
मादमोहौ तमसो भवतोऽानमेव || 17||
ऊ ग सथा म ित राजसा: |
जघगुणविथा अधो  तामसा: || 18||
ना गुण: कता यदा ानपित |
णे पर ि माव सोऽिधगित || 19||
णानेतानती ीही हसमवान |
जमुजराद
:िवमुोऽमतमुते || 20||
अजुन उवाच |
िल ीगणानेतानतीतो भवित भो |
िकमाचार: कथ तांीगुणानितवतते || 21||
ीभगवानवाच |
काश विं मोहम पाव |
ि सवािन िनवृािन काङ ित || 22||
उदासीनवदासीनो य िवचात |
णा वत इेवं योऽवितित ते || 23||
समद
:खस: थ: समलोाकान: |
ियाियो धीरिनासित: || 24||
मानापमानयोुो िमारपयो: |
सवारपरागी णातीत: उत || 25||
मा योऽिभचार भयोगेन वते |
गुणामतीताभयाय कत || 26||
णो िह िताहममताय |
शात धम खकाक || 27||
Chapter 15
ीभगवानवाच |
ऊमूलमध:शाखम ारयम |
छािस य पणािन य दिवत || 1||
अधो सता शाखा
वा िवषयवाला: |
अध लानसतािन
कमानुबीिन मनलोक || 2||
पम तथोपलत
नाो चािदन सिता |
अम सुिवढम
मसश ढ िछा || 3||
तत: पद तरमािगत
यगता िनवत भूय: |
तम चा ष प
यत: वि: सता राणी || 4||
िनमानमोहा िजतसदोषा
अािना िविनवकामा: |
िवा: खद
:खसै
मढा: पदमय तत || 5||
तासयत सूय शशाो पावक: |
या िनवते ताम परम मम || 6||
ममवांशो जीवलोक जीवभ: सनातन: |
मन:षानीयािण क ितथािन कषित || 7||
शरीर यदवाोित याामतीर: |
हीतािन संयाित वायगािनवाशयात || 8||
ों च
: शनं रसन ाणम |
अिधाय मनाय िवषयानपसेवत || 9|
उाम थतं वािप ान वा गुणातम |
िवमढा नानुप प ानच
: || 10||
यतो योिगन पावथतम |
यतोऽक ताानो पचतस: || 11||
यदािदगत तेजो जगासयतेऽखलम |
यमिस याौ तजो िव मामकम || 12||
गामािव तािन धारयाहमोजसा |
ािम चौषधी: सवा: ोमो ा रसाक: || 13||
अह वैानरो ा ािणना हमाित: |
ाणापानसमाय: पचा चतिवधम || 14||
सव चाह िद सििवो
म: ितानमपोहन |
सवरहम वेो
दाक दिवद चाहम || 15||
ािवमौ षौ लोक रार एव |
र: सवािण भूतािन टथोऽर त || 16||
उम: ष: रमाेुदात: |
यो लोकयमािव िबभय ईर: || 17||
यारमतीतोऽहमरादिप चोम: |
अतोऽ लोक िथत: षोम: || 18||
यो मामेवमसम
ढो जानात प
षोमम
|
स सववजत मां सवावेन भारत || 19||
इित गुतम शािमदमं मयानघ |
एतद
ा माा तक  भारत || 20||
Chapter 16
ीभगवानवाच |
अभय सानयोगवथित: |
दान दम य ाायप जवम् || 1||
अिहसा समोधाग: शारपशुनम् |
दया लोल माद ीरचापलम् || 2||
: मा ित: शौचमोहोनाितमािन |
भव सद वीमिभजात भारत || 3||
दो दपऽिभमान ोध: पाम |
अानं चािभजात पाथ सदमासरी || 4||
वी सिमोाय िनबायासरी मता |
मा : सद वीमिभजातोऽिस पाव || 5||
ौ तसग लोक  आस एव |
वो िवरश: ो आस पाथ मे णु || 6||
वि िनवृिं जना िवद
रासरा: |
शौचं नािप चाचारो स तेष िवते || 7||
असमित जगदारनीरम |
अपररसतं िकमामहतुकम || 8||
एतां िमव नाानोऽबय: |
भवकमाण: याय जगतोऽिहता: || 9||
काममाि
दमानमदाता: |
मोहाद
हीासाहावतऽशिचता: || 10||
िचामपरमया लयाामपािता: |
कामोपभोगपरमा एताविदित िनिता: || 11||
आशापाशशता: कामोधपरायणा: |
ईह कामभोगाथमायनाथसयान || 12||
इदम मया लिमम ा मनोरथम |
इदमीदमिप भिवित पुनधनम || 13||
असौ मया हत: शिन चापरानिप |
ईरोऽहमह भोगी िसोऽह बलवाुखी || 14||
आोऽिभजनवान ोऽोऽ सशो मया |
य ाािम मोि इानिवमोिहत: || 15||
अनकिचिवाा मोहजालसमावता: |
सा: कामभोगषु पत नरक ऽशुचौ || 16||
आसािवता: धनमानमदाता: |
यज नामयैे देनािविधपकम् || 17||
अहकार बलं दप कामं ोधं च संता: |
मामामपरद
षतोऽयस
यका: || 18||
तानह िषत: रांसार नराधमान् |
िपाजमशभानासरी योिनष || 19||
आसरी योिनमापा ढा जिन जिन |
मामा कौ ततो याधमा गितम || 20||
ििवध नरक ार नाशनमान: |
काम: ोधथा लोभादय ज || 21||
एतिवमु: कौ तमोारिभनर: |
आचरान: यतो याित परा गितम || 22||
: शािविधमृ वतते कामकारत: |
िसमवाोित खं परा गितम् || 23||
ताा माण ते कायाकायवथतौ |
ाा शािवधानो कम कतुिमहाहिस || 24||
Chapter 17
अजु वाच |
शािविधम यज याता: |
षां िना का समाहो रजम: || 1||
ीभगवानवाच |
ििवधा भवित ा िहनां सा भावजा |
साकी राजसी तामसी ित ता णु || 2||
सानपा सव ा भवित भारत |
ामयोऽय पुषो यो य : एव : || 3||
यज साका वारािस राजसा: |
ताभतगणाा यजे तामसा जना: || 4||
अशािविहत घोर त तपो जना: |
दाहारसा: कामरागबलाता: || 5||
कषय: शरीर ताममचेतस: |
मा वा:शरीरथ ताासरिनयान || 6||
आहारिप सव ििवधो भवित िय: |
यपथा दान तेषां दिमम ण || 7|
आय:सबलारोसखीितिववधना: |
रा: िा: थरा ा ारा: साकिया: || 8||
कलवणातीणिवदािहन: |
आहारा राजसा
:खशोकामयदा: || 9||
यातयामं गतरसं प
त पय
षतं च यत
|
उिछमप चामेयंोजनं तामयम
|| 10||
अफलाकाििभयो िविधो इत |
यमित मन: समाधाय साक: || 11||
अिभसाय फल दाथमिप यत |
इते भरत यं िव राजसम || 12||
िविधहीनमा महीनमदिणम् |
ािवरिहत य तामस परचत || 13||
विजगापूजन शौचमाजवम |
चयमिहसा शारीर तप उत || 14||
अनगकर वा स ियिहत यत |
ाायासन वाय तप || 15||
मन: साद: सौं मौनमािविनह: |
भावसशुरतपो मानसमते || 16||
या परया त तपिवध नर: |
अफलाकाििभयुै: साक परचते || 17||
सारमानपजाथ तपो देन यत |
ियत तिदह ो राजस चलमवम || 18||
ढाहणामनो यपीडया यते तप: |
परयोसादनाथ वा तामसम
दातम
|| 19||
दातिमित यान दीयतेऽनपकारण |
काल पा तानं साक ृतम् || 20||
य ुपकाराथ फलमि वा : |
दीयत परं तान राजस ृतम् || 21||
अदशकाले यानमपा दीयते |
अस तमवात तामसमुदातम || 22||
तिदित िनदशो णिवध: : |
ाणा दा या िविहता: रा || 23||
ताद
इदा यदानतप:िय: |
वत िवधानोा: सतत वािदनाम || 24||
तिदनिभसाय फल यतप:िया: |
दानिया िविवधा: िय मोकाििभ: || 25||
साव साधभावे सिदेतयु |
श कमिण तथा स: पाथ ते || 26||
य तपिस दान थित: सिदित चोत |
कम चैव तदथय सिदेवािभधीयत || 27||
अया त द तप तं यत् |
असिदुत पाथ त नो इह || 28||
Chapter 18
अजुन उवाच |
सास महाबाहो तिमाि िदत |
ाग षीक पृथ िशिनष || 1||
ीभगवानवाच |
कााना कमणा ास सास कवयो िवद
: |
सवकमफलागं ााग िवचणा: || 2||
ा दोषविदेक कम ामनीिषण: |
यदानतप:कम ािमित चापर || 3||
िनय णु त ाग भरतसम |
ागो िह षा ििवध: सकीित: || 4||
यदानतप:कम ा काय तत |
यो दान तप पावनािन मनीिषणाम || 5||
एतािप कमािण स ा लािन |
कतानीित पाथ िनित मतममम || 6||
िनयत सास: कमणो नोपपत |
मोहा परागामस: परकित: || 7||
:खिम यम कायशभयाजत् |
ा राजस ागं ागफल लभेत || 8||
कायिमे यम िनयत ियतेऽज |
स ा फल ाग: साको मत: || 9||
क शल कम शल नानषते |
ागी ससमािवो धावी िछसशय: || 10||
िह हभता श ुं कमाशषत: |
य कमफलागी ागीिभधीयत || 11||
अिनिम िमं ििवध कमण: फलम् |
भवािगना े सािसना िचत || 12||
पतािन महाबा कारणािन िनबोध |
साङ े ता ोािन िसय सवकमणाम || 13||
अिधान तथा कता करण थधम |
िविवधा था वं चैवा पमम || 14||
शरीरवानोिभयम ारभत : |
ा वा िवपरीत वा पते त तव: || 15||
त सित कतारमाान वलं : |
पक तबा पित
ित: || 16||
य नाहङ तो भावो य िलत |
हाऽिप इमाोका ह िनबत || 17||
ान यं पराता ििवधा कमचोदना |
करण कम कतित ििवध: कमह: || 18||
ान कम कता िध णभेदत: |
ोत णसङ ान यथावणु तािप || 19||
सवतेषु नै भावमयमीत |
अिवभ िवभेषु तान िव साकम || 20||
थे यान नानाभावाथधान |
ि सवषु षु तान िव राजसम || 21
य वदकाय समहतुकम |
अताथवदं तामसमदातम || 22||
िनयत सरिहतमरागषत: तम |
अफलुना कम यताकमत || 23||
यकामना कम साहार वा : |
ियत बलायासं ताजसमदातम् || 24||
अनबं िहामनपे पौषम |
मोहादारत कम यतामसमते || 25||
सोऽनहवादी ुाहसमत: |
िसिसोिनिवकार: कता साक उते || 26||
रागी कमफलुो िहसाकोऽशिच: |
हषशोकात: कता राजस: परकीित: || 27||
अय: ाक : : शठो ितकोऽलस: |
िवषादी दीघसूी कता तामस उत || 28||
भद ते णतिवध णु |
ोमानमश थ धनय || 29||
वि िनवि कायाकाय भयाभय |
ब मो या िब: सा पाथ साकी || 30||
यया धममधम काय चाकायमेव |
अयथावजानाित : सा पाथ राजसी || 31||
अधम धमिमित या मते तमसावता |
सवाथापरीता : सा पाथ तामसी || 32||
ा यया धारयत मन:ाणयिया: |
योगनािभचारा धृित: सा पाथ साकी || 33||
यया धमकामाथाृा धारयतऽजु |
स फलाकाङ ी ित: सा पाथ राजसी || 34||
यया  भयं शोक िवषाद मदम |
िवमित
धा धृित: सा पाथ तामसी || 35||
खं दानी ििवध ण भरतष |
अासामत य
:खा िनगित || 36||
यद िवषिमव परणामेऽमतोपमम |
त साक ोमाबसादजम || 37||
िवषययसयोगादऽमृतोपमम |
परणामे िवषिमव तखं राजसं तम् || 38||
यद चानबे मोहनमान: |
िनालमादो तामसमातम || 39||
तद िथां वा िदिव वा : |
स क ितज यदिभ: ािभगुणै: || 40||
ाणियिवशा शूाणां परप |
कमािण िवभािन भावभव: || 41||
शमो दमप: शौच ाराजवमेव |
ान िवानमा कम भावजम || 42||
शौय जो ितदा चापलायनम |
दानमीरभाव ा कम भावजम || 43||
िषगौरवािण वैकम भावजम् |
परचयाक कम ािप भावजम || 44||
कमिभरत: िस लभत नर: |
कमिनरत: िस यथा िवित त || 45||
यत: विभूताना येन सविमद ततम् |
कमणा तम िस िवित मानव: || 46||
याधम िवग: परधमानितात |
भाविनयत कम ाोित िकषम || 47||
सहजं कम कौेय सदोषमिप जत् |
सवारा िह दोष मेनािरवावता: || 48||
असब: सव िजताा िवगत: |
िस परमा सासनािधगित || 49||
िस ाो यथा  तथाोित िनबोध |
समास कौ िना ान या परा || 50||
ा िवशया युो ाान िनय |
शादीषयाा रागषौ द || 51||
िविवसवी लवाशी यतवाायमानस: |
ानयोगपरो िन वैरा समपाित: || 52||
अहार बल दप काम ोधं रहम |
िवम िनम: शाो भयाय कत || 53||
भ: साा शोचित काङ ित |
सम: सवषु भूतेष म लभत पराम || 54||
भा मामिभजानाि यावाा तत: |
ततो मा ततो ाा िवशत तदनरम || 55||
सवकमािप सदा वाणो मपाय: |
मसादादवाोित शात पदमयम || 56||
सा सवकमाि मिय स मर: |
योगमपाि म: सतत भव || 57||
म: सव
गािण मसादारिस |
अथ महारा ोिस िवनङ िस || 58||
यदहारमाि यो इित मस |
िमैष वसाय क िता िनयोित || 59|
भावज कौे िनब: े कमणा |
कतु िस योहारवशोऽिप तत || 60||
ईर: सवभूताना ऽजुन ितित |
ामयवभूतािन याढािन मायया || 61||
तम शरण ग सवभावेन भारत |
तसादारा शा थान ािस शातम || 62||
इित ानमाात ाद
तर मया |
िवमतदशेष यथिस तथा || 63||
सवतम : ण परम वच: |
इोऽिस ढिमित ततो वािम िहतम || 64||
मना भव मो माजी मा नम |
मामिस स ितजान ियोऽिस || 65||
सवधमार माम शरणं ज |
अह ां सवपापेो मोियािम मा : || 66||
इद नातपाय नाभाय कदाचन |
चाशूषव वा मां योऽसयित || 67||
इद परम गु मिभधाित |
भ मिय परां ा मामवैसंशय: || 68||
तानेषु किे ियक म: |
भिवता ताद: ियतरो िव || 69|
अेत इमं ध संवादमावयो: |
ानयेन नाहिम: ािमित मित: || 70||
ावाननसय णुयादिप यो नर: |
सोऽिप : भाोकाा
या
कमणाम् || 71||
कदत
पाथ यकाेण तसा |
कदानसोह: न धनय || 72||
अजु उवाच |
नो मोह: ितला सादाया |
थतोऽ गतस: कर वचन तव || 73||
सय उवाच |
इह वासव पाथ महान: |
वादिमममौषम
तं रोमहषणम || 74||
ाससादा
तवानतद
ुमह परम |
योग योगरा ाााथयत: यम || 75||
राजृ संृ वादिमममद
तम |
शवाजुनयो: ािम मु: || 76||
त ृ संृ पमद
तं हर: |
िवयो महानराजािम : : || 77||
य योग: ो य पाथ धन: |
त ीिवजयो भूितुवा नीितमितमम || 78||
Chapter 10
ीभगवानवाच |
एव महाबाहो ण रम वच: |
यऽह ीयमाणाय वािम िहतकाया || 1||
िवद
: रगणा: भव महष: |
अहमािदिह वाना महषणा सव: || 2||
यो मामजमनािद ि लोकमहरम |
अस: म सवपाप: मत || 3||
ानमसोह: मा स दम: शम: |
: भवोऽभावो भयं चाभयम || 4||
अिहसा समता िपो दान यशोऽयश: |
भव भावा ताना म एव थधा: || 5||
महष: स चारो मनवथा |
मावा मानसा जाता षां लोक इमा: जा: || 6||
महष: स चारो मनवथा |
मावा मानसा जाता षां लोक इमा: जा: || 6||
अह सव भवो म: सव वतत |
इित मा भज मा धा भावसमता: || 8||
मा मताणा बोधय: पररम |
कथय मा िनं तु रम || 9||
षा सततयाना भजता ीितपकम् |
ददािम ुयोग मामपया || 10||
षामवानकाथमहमानजं तम: |
नाशयााभावथो ानदीप भाता || 11||
अजु उवाच |
पर  पर धाम पिव परम भवान |
शात िदमािददवमज िवभम् || 12||
आामषय: विषनारदथा |
अिसतो वलो ास: य वीिष || 13||
सवमेतत मे या वदिस शव |
िह भगवं िवद
वा दानव: || 14||
यमवानाानं षोम |
तभावन तेश वद जगत || 15||
वमहशषेण िदा ािवभतय: |
यािभिवभितिभलकािनमांं ा ितिस || 16||
कथ िवामह योिगंा सदा परिचयन |
भावषु िचोऽिस भगवया || 17||
िवरणानो योग िवभितं जना |
: कथय तृिह तो ना ऽमतम् || 18||
ीभगवानवाच |
ह ते कथियािम िदा ािवभूतय: |
ाधात:  नाो िवर ||19||
अहमाा डाक सवभताशयथत: |
अहमािद म तानाम एव || 20||
आिदानामह िवितषा रिवरशुमान |
मरीिचमताम नाणामह शशी || 21||
दाना सामवदोऽ वानाम वासव: |
इयाणा मना भूतानाम तना || 22||
ाणा शरा िवशो यरसाम |
वस पावका : िशखरणामहम || 23||
रोधसा मु मां िव पाथ हितम |
ानीनामहं : सरसाम सागर: || 24||
महषणा गुरह िगरामकमरम |
याना जपयोऽ थावराणा िहमालय: || 25||
अ: सववृाणां वषणा ारद: |
गवाणा िचरथ: िसाना किपलो िन: || 26||
उै:वसमाना िव माममतोवम |
ऐरावत गजाणा नरा नरािपम || 27||
आयधानामह व नाम कामध |
जना कप: सपाणाम वासिक: || 28||
अना नागाना वणो यादसामहम |
िपतणामयमा चा यम: यमतामहम || 29||
ादा ानां काल: कलयतामहम |
ाणा ोऽह नतेय पिणाम || 30||
पवन: पवताम राम: शभतामहम |
झषाणा मकरा ोतसाम जावी || 31||
सगाणामािदर वाहमजु |
अािवा िवाना वाद: वदतामहम || 32||
अराणामकारोऽ : सामिसक |
अहमवाय: कालो ाताह िवतोम: || 33||
ु: सवहराहमव भिवताम |
कीित: ीवा नारीणा ितमधा धृित: मा || 34||
हाम तथा साा गायी छसामहम |
मासाना मागशीषऽहमना सुमाकर: || 35||
तं छलयताम जेजनामहम |
जयोऽ वसायोऽ स सवतामहम || 36||
ीनां वासवोऽ पावाना धनय: |
ीनामह ास: कवीनामशना किव: || 37||
दो दमयताम नीितर िजगीषताम् |
मौन वा गुाना ानं ानवतामहम || 38||
यािप सवताना ीज तदहमजु |
तद िवना याय चराचरम || 39||
नाोऽ मम िदा िवभतीना परप |
एष तूशत: ोो िवभिवरो मया || 40||
यिभितम ीमद
िजतमेव वा |
तदवावग मम जोऽशसवम || 41||
अथवा बनतेन िक ातेन तवाजु |
िवाहिमद मकांशेन थतो जगत || 42||
Chapter 9
ीभगवानवाच |
इद ते गुतमं वानसयव |
ान िवानसि याा मोसऽशभात || 1||
राजिवा राजगं पिविमदममम् |
ावगम ध सुसखं कतुमयम् || 2||
अधाना: षा धमा परप |
अा मा िनवत ुसंसारविन || 3||
मया ततिमद सव जगदमितना |
मथािन सवभूतािन चाह वथत: || 4||
मथािन तािन प योगमरम |
तभृ तथो ममाा तभावन: || 5||
यथाकाशथतो िन वाय: सवगो महान |
तथा सवािण भूतािन मथानीपधारय || 6||
सवतािन कौ क ितं या मािमका |
कय पुनािन कादौ िवसजाहम् || 7||
क ितं ामव िवसजािम : : |
तामिमम मवश क वशात् || 8||
मा तािन कमािण िनब धनय |
उदासीनवदासीनमस कमस || 9||
मया क ित: सूयते सचराचरम |
नानेन कौ जगिपरवत || 10||
अवजान मा मूढा मानषी तनुमाितम |
पर भावमजानो मम तमहरम || 11||
मोघाशा मोघकमाणो मोघाना िवचेतस: |
रासीमासरी चैव क ितं मोिहनी िता: || 12||
महाान मां पाथ वी क ितमािता: |
भजनमनसो ाा तािदमयम || 13||
सतत कीतयो मा यत ढता: |
नम मा भा िनया उपासते || 14||
ानयेन चा यजो मामपासत |
एक थेन बधा िवतोमखम || 15||
अह तुरह य: धाहमहमौषधम |
मोऽहमहमवामहमिरह तम || 16||
िपताहम जगतो माता धाता िपतामह: |
ं पिवमोार ा यज || 17||
गितभता भु: साी िनवास: शरण त् |
भव: लय: थान िनधानं बीजमयम || 18||
तपाहमह वष िनगुृजािम |
अम चैव ु सदसामजु || 19||
िवा मा सोमपा: तपापा
यरा गितं ाथय |
मासा लोक
म िदािव वभोगान || 20||
भुा गलोक िवशाल
ीण मलोक िवश |
एव यीधममनपा
गतागतं कामकामा लभ || 21||
अनाियो मा जना: पयुपासत |
षा िनािभयाना योगेम वहाहम || 22||
ऽदवता भा यज याता: |
ऽिप माम कौ जिविधपवकम || 23||
अह िह सवयाना भोा भ |
मामिभजान तनातव || 24||
या ता वात
ा िपतता: |
तािन या ा या मािजनोऽिप माम ||25||
प फल तोयं यो मे भा यित |
तदह भपतमािम यतान: || 26||
यरोिष यदािस यहोिष ददािस यत |
यपिस कौ त  मदपणम || 27||
भाशुभफल मोसे कमबन: |
ासयोगयाा िवमो मामिस || 28||
समोऽह सव ोऽ िय: |
भज तु मां भा मिय ते चाहम || 29||
अिप ु
राचारो भजत मामनभाक |
साध म: सविसतो िह : || 30||
िं भवित धमाा शा िनगित |
कौ ितजानीिह भ: णित || 31||
मा िह पाथ पाि ऽिप ु: पापयोनय: |
यो ाथा शूाऽिप या परा गितम || 32||
िक पुनाणा: ुा भा राजषयथा |
अिनमस लोकिमम ा भज माम || 33||
मना भव मो माजी मा नम |
मामिस युैवमाान मरायण: || 34||
Chapter 8
अजु उवाच |
िक त िकमा िक कम पुषोम |
अिधभतं िक ोमिधद िकमुते || 1||
अिधय: कथ कोऽ धसूदन |
याणकाल कथं ेयोऽिस िनयतािभ: || 2||
ीभगवान
वाच |
अर  परमं वभावोऽयामम
यते |
तभावोवकरो वसग: कमसित: || 3||
अिधभतं रो भाव: षािधदवतम् |
अिधयोऽहमवा हभृतां वर || 4||
अकाल मामेव रुा कलवरम् |
: याित माव याित ना शय: || 5||
यं वािप रभाव ज कलवरम |
तमित कौ सदा तावभािवत: || 6||
तावषु काल मामनर |
मिपतमनोबमामेवैसंशयम || 7||
अासयोगयेन चेतसा नागािमना |
परम षं िद याित पाथानिचयन || 8||
किव राणमनशािसतार
मणोरणीयासमनुर: |
सव धातारमिप
मािदवण तमस: परात || 9||
याणकाल नसाचले
भा ो योगब चैव |
ोमे ाणमाव सक
पर षमित िदम || 10||
यदर दिवदो वद
िवश यतयो वीतरागा: |
यिदो चय चर
त पद ह व || 11||
सवारािण य मनो िद िन |
ाधायान: ाणमाथतो योगधारणाम || 12||
ओिमकार  ाहरामनुरन् |
: याित जहं याित परमा गितम || 13||
अनचता: सतत यो मा रित िनश: |
ताह लभ: पाथ िनयु योिगन: || 14||
माम पुनज
:खालयमशातम |
ना
 महाान: िस परमा गता: || 15||
आभवनाोका: नरावितनोऽजुन |
माम कौ पुनज िवत || 16||
सहयगपयमहयणो िवद
: |
राि गसहाा तेऽहोरािवदो जना: || 17||
अाय: सवा: भवहरागम |
राागम लीय तवासक || 18||
ताम: एवायं भूा भूा लीयत |
राागमऽवश: पाथ भवहरागम || 19||
परा भावोऽोऽोऽानातन: |
: सव भूतेषु न िवनित || 20||
अोऽर इमा: परमा गितम् |
ा िनवत ताम परम मम || 21|
: पर: पाथ भा लनया |
या:थािन तािन सविमद ततम || 22||
य काल नावृिमाविं चैव योिगन: |
याता या काल वािम भरतष || 23||
अिितरह: : षासा उरायणम |
त याता ग  िव जना: || 24||
मो रािथा : षासा दिणायनम |
त चामस ोितयगी ा िनवतते || 25||
गती ेत जगत: शात मते |
एकया यानाविमयावतते : || 26||
ते ती पाथ जानोगी ित कन |
तावषु काल योगयुो भवाजुन || 27||
येष :
दानेष यफल िदम |
अेित तविमद िविदा
योगी पर थानमित चाम || 28||
Chapter 7
ीभगवानवाच |
मासमना: पाथ योग दाय: |
असशय सम मा यथा ािस तणु || 1||
ान ऽह सिवानिमद वाशषत: |
याा भूऽातमविशत || 2||
मनाणां सहे कितित िसय |
यततामिप िसाना किां वेि तत: || 3||
िमरापोऽनल वाय: मनो बुर |
अहार इतीय मे िभा क ितरधा || 4||
अपरयिमता क ितं िव पराम |
जीवभतां महाबा यय धायते जगत || 5||
एतोनीिन तािन सवाणीपधारय |
अह  जगत: भव: लयथा || 6||
म: परतर नािद धनय |
मिय सविमद ोतं े मिणगणा इव || 7||
रसोऽहम कौेय भा शिशसययो: |
णव: सववेदषु श: पौषं || 8||
ो ग: िथा तेजा िवभावसौ |
जीवन सव तपा तपष || 9||
बीज मा सवभताना िव पाथ सनातनम |
बुमताम जेजनामहम || 10||
बल बलवता चाह कामरागिवविजतम् |
धमािवो तेषु कामोऽ भरतष || 11|
चै साका भावा राजसाामसा |
म एवित ता ह ते मिय || 12||
ििभगुणमयभािभ: सविमद जगत |
मोिहत नािभजानाित माम: परमयम || 13||
वी षा णमयी मम माया
रया |
माम प मायामतां तर || 14||
मा
ितनो मूढा: प नराधमा: |
माययापताना आस भावमािता: || 15||
चतिवधा भज मा जना: ितनोऽजु |
आत िजासरथाथ ानी भरतष || 16||
षा ानी िनय एकभिविशत |
ियो िह ािननोऽथमह मम िय: || 17||
उदारा: सव एवैते ानी ा मतम |
आथत: िह ाा मामवामा गितम || 18||
बना जनाम ानवाा पते |
वास: सविमित महाा
: || 19||
कामताना: पऽदवता: |
िनयममाथाय क ा िनयता: या || 20||
यो यो यां या तनुं भ: यािचतुिमित |
त ताचला ां ताम िवदधाहम् || 21||
तया या ाराधनमीहत |
लभत तत: कामायैव िविहता तान || 22||
अव फल षा तवमधसाम |
वावयजो या ा या मामिप || 23||
अ माप मे मामबय: |
पर भावमजानो ममायमनमम || 24||
नाह काश: सव योगमायासम: |
ोऽय नािभजानाित लोको मामजमयम || 25||
दाह समतीतािन वतमानािन चाजुन |
भिवािण तािन मा वेद कन || 26||
इाषसमेन मोह भारत |
सवतािन सोह सग या परप || 27||
षां गतं पाप जनाना कमणाम |
मोहिनमुा भज मा ढता: || 28||
जरामरणमोाय मामाि यत |
 तिद
: मा कम चाखलम || 29||
सािधभतािधद मा सािधय ये िवद
: |
याणकालऽिप मा िवद
ुचतस: || 30||
Chapter 6
ीभगवानवाच |
अनाित: कमफल काय कम करोित : |
ासी योग िनरिन चािय: || 1||
संासिमित ायगं तं िव पाव |
ससो योगी भवित कन || 2||
आोमुनेयगं कम कारणमुत |
योगाढ त शम: कारणमते || 3||
यदा िह याथ कमनषते |
सवससासी योगाढदोत || 4||
उरदानाान नाानमवसादयत् |
आ ानो बरा रपरान: || 5||
बराान नाैवाना िजत: |
अनान शुे वत ता शुवत् || 6||
िजतान: शा परमाा समाि: |
शीतोसखद
:षु तथा मानापमानयो: || 7||
ानिवानताा टथो िविजत: |
इुते योगी समलोाकान: || 8||
ायुदासीनमथब |
साधिप पापेषु समबिविशते || 9||
योगी युीत सततमाान रहिस थत: |
एकाकी यतिचाा िनराशीरपरह: || 10||
चौ िता थरमासनमान: |
नाु त नाितनीच लािजनक शोरम || 11||
तका मन: ा यतिचेयिय: |
उपिवासन ाोगमािवशय || 12||
सम कायिशरोीव धारयचल थर: |
स नािसका िदशानवलोकयन || 13||
शााा िवगतभीचारत थत: |
मन: य म आसीत मर: || 14||
े सदाान योगी िनयतमानस: |
शा िनवाणपरमा मथामिधगित || 15||
नात योगोऽ कामनत: |
चाित शील जातो चाजु || 16||
ाहारिवहार युच कमसु |
ावबोध योगो भवित
:खहा || 17||
यदा िविनयत िचमाेवावितत |
िन:: सवकामेो इु तदा || 18||
यथा दीपो िनवातथो ते सोपमा ता |
योिगनो यतिच तो योगमान: || 19||
योपरमत िच िन योगसवया |
य वानाानं पािन ुित || 20||
माक यद
ामतीयम |
ि य वाय थतलित तत: || 21||
ला चापर लाभं मत नािधक तत: |
यथतो
: गुणािप िवचात || 22||
िवाद
:खसयोगिवयोग योगसतम |
िनय योो गोऽिनिवचतसा || 23||
सभवाामाा सवानशेषत: |
मनसयाम िविनय समत: || 24||
शन: शनपरम
ा ितगहीतया |
आसथं मन: ा िकिदिप िचयत् || 25||
यतो यतो िनरित मनलमथरम |
तततो िनयतदा वश नयेत् || 26||
शामनस ेनं योिगन खममम |
उपित शारजस भतमकषम || 27||
े सदाान योगी िवगतकष: |
खे सशम खमते || 28||
सवतथमाान सवतािन चािन |
ईते योगयुाा सव समदश: || 29||
यो मा पित सव सव मिय पित |
ताह णािम णित || 30||
सवतथत यो मा भजेकमाथत: |
सवथा वतमानोऽिप योगी मिय वतते || 31||
आौप सव सम पित योऽजुन |
खं वा यिद वा
: योगी परमो मत: || 32||
अजु उवाच |
योऽय योगया ो: सा मध |
एताह पािम चलाथित थराम || 33||
चल िह मन: मािथ बलवद
ढम |
ताह िनह म वायोरव
रम || 34||
ीभगवानवाच |
असशय महाबाहो मनो
िनह चलम |
अास तु कौेय रा गृते || 35||
असयताना योगो
ाप इित मित: |
वाना यतता शोऽवापायत: || 36||
अजु उवाच |
अयित: योपतो योगािलतमानस: |
अा योगसिस का गित गित || 37||
कोभयिवािमव ित |
अितो महाबाहो िवमढो ण: पिथ || 38||
एत शयं महशषत: |
द: शया ा
पपते || 39||
ा क तां लोकानुिषा शाती: समा: |
चीन ीमता हे योगोऽिभजायत || 41||
अथवा योिगनाम भवित धीमताम |
एत
भतर लोक ज यदीशम || 42||
त सयोग लभत पौविहकम |
यतते ततो : िसौ नन || 43||
वाास ियते वशोऽिप : |
िजासरिप योग ाितवतते || 44||
यातमान योगी िकष: |
अनकजसिसतो याित परा गितम || 45||
तपोऽिधकोयोगी
ािनोऽिपमतोऽिध:|
किमािधकोयोगी
ताोगीभवाजु|| 46||
योिगनामिप सवषां मतनाराना |
ावाभजत यो मा युतमो मत: || 47||
Chapter 5
अजु उवाच |
ास कमणा नयगं सिस |
य एतयोर ते िह िनितम् || 1|
ीभगवान
वाच |
संयास: कमयोग न:यसकराव
भौ |
तयोत
कमसंयासाकमयोगो वशयते || 2||
ेय: िनसासी यो ि काङ ित |
िनो िह महाबाहो बामते || 3||
साङ योगौ थाला: वद पता: |
एकमाथत: सगभयोिवत फलम् || 4||
याङ ै: ात थान तोगरिप गत |
एक साङ ं योग : पित पित || 5||
ास महाबाहो
:खमामयोगत: |
योगयुो िन निचरणािधगित || 6||
योगयुो िवशाा िविजताा िजतय: |
सवताभताा िप िलते || 7||
िकिरोमीि ो म तिवत |
पृशिगपसन || 8||
लपसजगृह

षििमषिप |
इयाणीयाथषु वत इित धारयन || 9||
ाधाय कमािण स ा करोित : |
िलत पाप पपिमवासा || 10||
काय मनसा ा वलरयरिप |
योिगन: कम व स ाशय || 11||
: कमफल ा शामाोि िकीम |
अय: कामकार फल सो िनबत || 12||
सवकमािण मनसा ाे सुखं वशी |
नवार ही व कारयन || 13||
कतृ कमािण लोक जित भ: |
कमफलसंयोगं भावु वतते || 14||
नाद किचाप सुक िवभ: |
अानेनावतं ानं तेन  जव: || 15||
ान तदानं षां नािशतमान: |
षामािदवान काशयित तरम || 16||
तद
यदाानिारायणा: |
गपनरावि ानिनधूतकषा: || 17|
िवािवनयस ाण गिव हिन |
िन पाक पता: समदिश: || 18||
इह िज: सग षां साे थत मन: |
िनदष िह सम  ताद
िण थता: || 19||
यं ा नोिजा चाियम |
थरबरसढो िवद
िण थत: || 20||
बाशसाा िवािन यखम् |
योगयाा खमयमते || 21||
िह संशजा भोगा
:खयोनय एव |
आव: कौ रमत : || 22||
शोतीह : सोढुं ारीरिवमोणात |
कामोधोव वेगं : खी नर: || 23||
योऽ:खोऽरारामथायोितर :
योगी िनवाणं भतोऽिधगित ।। 24।।
लभे िनवाणमृषय: ीणकषा: |
िछधा यताान: सवतिहते रता: || 25||
कामोधिवयानां यतीनां यतचतसाम् |
अिभतो िनवाणं वत िविदतानाम || 26||
शा ा बिहबाा
वार वो: |
ाणापानौ समौ ा नासारचारणौ || 27||
यतयमनोबमुिनमपरायण: |
िवगताभयोधो : दा एव : || 28||
भोार यतपसा सवलोकमहरम |
द सवभूतानां ाा मा शामृित || 29||